- प्रबंध क्या है ? ( What is Management ? )
उत्तर- प्रबंध वह प्रक्रिया है , जिसमें किसी काम को कुशल एवं प्रभावी ढंग से करने के लिए कार्यों के एक समूह नियोजन , संगठन , नियुक्तिकरण , निर्देशन व नियंत्रण को सम्पन्न किया जाता हैं ।
- प्रबंध का महत्त्व क्या है ? ( What is the importance of management ? )
उत्तर– प्रबंध के महत्त्व इस प्रकार से हैं
(i) न्यूनतम प्रयत्नों से अधिकतम परिणामों की प्राप्ति — प्रबंध न्यूनतम प्रयत्नों के द्वारा अधिक परिणामों की प्राप्ति संभव बनाता है । इसके लिए वह निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु उत्पादन के विभिन्न साधनों में समन्वय स्थापित करता है ।
(ii) प्रतिस्पर्धा का सामना के लिए — प्रबंध प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए अनेक नवीन विचारों को प्रदान करता है , जिससे बाजार में बना रहना संभव हो पाता है ।
- प्रबंध के स्तर से आपका च्या अभिप्राय है ? ( What do you mean by level of management ? )
उत्तर– प्रबंध के स्तर से तात्पर्य संगठन में विभिन्न पदों के बीच एक रेखा अंकित करने से है । इस प्रकार प्रबंध का स्तर एक प्रकार का खाका है जो यह स्पष्ट करता है कि किसी अधिकारी की क्या स्थिति है , कौन किसको आदेश देगा तथा कौन किससे आदेश प्राप्त करेगा ।
4 . प्रबंध के कितने स्तर है ? ( What is level of management ? )
उत्तर– प्रबंध के तीन स्तर हैं ।
(i) उच्च स्तरीय प्रबंध
(ii) मध्यस्तरीय प्रबंध
(iii) निम्न स्तरीय प्रबंध
- प्रबंध के एक कार्य के रूप में संगठन का महत्व समझाइये । ( Discuss the importance of organisation as a function of a management . )
उत्तर– संगठन की महत्ता निम्नलिखित विवेचन से स्पष्ट हो जाती हैं ।
(i) मानवीय प्रयत्नों का अधिकतम उपयोग – संगठन एक साधन हैं , जिसके माध्यम से विशिष्टकीरण संभव होता हैं । एक ही कार्य करते – करते वे उसके विशेषता बन जाते हैं ।
(ii) संतुलित महत्त्व संगठन उपक्रम की विभिन्न क्रियाओं की आनुपातिक एवं संतुलित महत्व प्रदान करता है और उपक्रम की समस्त क्रियाओं को विभिन्न विभागों , उपविभागों एवं कार्यों के अंतर्गत विभाजित कर देता हैं ।
- प्रबंध एक सार्वभौमिक क्रिया है , कैसे ? (Management is a universal process . How ? )
उत्तर– प्रबंध का महत्त्व सर्वव्यापी है । इसका अर्थ है कि प्रबंध के सामान्य सिद्धांत धार्मिक , राजनैतिक तथा अन्य सभी क्षेत्रों में लागू होते हैं । इन लक्ष्यों को बिना नियोजन , निर्देशन , समन्वय तथा नियंत्रण आदि के प्राप्त नहीं कर सकते , इसलिए प्रबन्ध सार्वभौमिक क्रिया हैं ।
- प्रबंध को एक प्रक्रिया के रूप में परिभाषित कीजिए । ( Explain in brief management as a process . )
उत्तर– प्रबंध एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा प्रबंधन व्यवस्थित , संबंधित एवं सहकारी मानवीय प्रयासों के माध्यम से उद्देश्यपूर्ण संगठन बनात हैं , निर्देशित करते हैं , बनाये रखने हैं तथा संचालित करते हैं ।
- प्रबंध के उद्देश्यों का वर्णन करें । ( Discuss the objects of Managements . )
उत्तर– प्रबंध के उद्देश्य निम्नलिखित हैं ।
(1) संगठनात्मक उद्देश्य इस उद्देश्यों का निर्धारण करते समय प्रबंध द्वारा व्यवसाय में हित रखने वाले सभी पक्षों का ध्यान रखा जाता है । जिनमें जीवित रहना , लाभ एवं विकास आदि होता है ।
(2) सामाजिक उद्देश्य प्रबंध के सामाजिक उद्देश्यों का अभिप्राय प्रबंधकीय क्रियाओं के दौरान सामाजिक हित का ध्यान रखने से है । इसलिए प्रत्येक संगठन का उत्तरदायित्व बनता हैं कि वह समाज के प्रति अपने जिम्मेदारी को निभाये ।
- प्रबंध एक पेशा है । ( Management is a Profession . )
उत्तर– प्रबंध एक पेशा है , इसकी विशेषताएँ निम्न हैं
(i) प्रबंध में भी पूर्ण अनुशासन पाया जाता है । अन्य पेशों की भाँति प्रबंधक भी अपनी कार्यकुशलता के लिए अनुशासन का पालन करते हैं ।
(ii) प्रबंध की विधि वैज्ञानिक होती हैं । प्रबन्ध के कार्य करने एवं नेतृत्व प्रदान करने की निश्चित विधियाँ हैं ।
- प्रबंध एक सामाजिक क्रिया है , कैसे ? ( Management is a social process . How ? )
उत्तर– प्रबंध एक सामाजिक क्रिया है , क्योंकि प्रबन्ध का मुख्य रूप से संबंध व्यवसाय के मानवीय पक्ष से होता हैं । संस्था के सभी कर्मचारी समाज के ही अंग हैं ।
- प्रबंध में दक्षता क्या है ? ( What is efficiency in Management )
उत्तर– प्रबंध में दक्षता से आशय एक प्रबंधक को अपने गुण , व्यवहारों तथा नीतियों से अपने अधीनस्थों को प्रभावित करने की क्षमता से हैं , जिससे वे अपना काम स्वयं करने के लिए तैयार रहें , प्रबंधकों के बिना दबाव से उनका काम स्वत : चलता रहे ।
- मानव संसाधन प्रबंध के विकास के दो चरणों का वर्णन करें । ( Discuss the two activities of human resource management . )
उत्तर- (i) नीति पहल – मानव संसाधन प्रबंध विभाग संस्थान में कार्यरत सभी कर्मचारियों के लिए मानव संसाधन भर्ती , चयन , मजदूरी एवं वेतन , सामाजिक सुरक्षा आदि के बारे में नीति पहल एवं निर्धारण करता है ।
(ii) मूल्यांकन – मानव संसाधन विभाग संस्था में कार्यरत कर्मचारियों के कार्य – निष्पादन , लक्ष्य पूर्ति आदि की दिशा में किये गये प्रयासों संगठनात्मक एवं कर्मचारी नीतियों की अनुपालन को समय – समय पर मूल्यांकन करता है ।
- प्रबंध की हमें आवश्यकता क्यों है ? ( Why management is needed forus )
उत्तर- प्रबंध की आवश्यकता सभी संगठनों में पड़ती है । इसकी आवश्यकता के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं संगठन के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए । ( ii ) विभिन्न क्रियाकलापों और कार्य का समन्वय करने के लिए ।
14 . एक प्रबंधक काम करते समय क्या इच्छा रखता है ? ( How does the management achieve goals with minimum resources )
उत्तर– एक प्रबंधक संसाधनों मानव – शक्ति , धन , माल , मशीन आदि का अनुकूलतम उपयोग करना चाहता हैं ताकि उद्देश्यों को कुशलता एवं प्रभावपूर्णता से प्राप्त कर सकें ।
- समन्वय प्रबन्ध का सार है , कैसे ? ( Co – ordination is the essence of management . ” How ” ? )
उत्तर- किसी व्यवस्था के विभिन्न अंगों में सामंजस्य स्थापित करना समन्वय कहलाता हैं । समन्वय प्रबन्ध का कोई अल्प कार्य नहीं बल्कि यह प्रबन्ध के अन्य कार्यों का एक हिस्सा हैं । प्रबन्ध के सभी स्तरों पर अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए समन्वय की आवश्यकता रहती है , इसलिए समन्वय प्रबन्ध का सार हैं ।
- निम्नस्तरीय प्रबनय के किन्हीं दो कार्यों का उल्लेख कीजिए । ( State any two functions of lower level management . )
उत्तर- निम्नस्तरीय प्रबन्ध के दो कार्य निम्नलिखित हैं ।
(i) उच्च प्रबन्ध द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप दैनिक योजनाओं का निर्माण करना ।
(ii) कर्मचारियों को कार्य सौंपना , उन्हें प्रशिक्षित करने की व्यवस्था एवं उनका विकास करना।
- प्रबन्ध के कार्यों की विवेचना कीजिए । ( Discuss of functions of management . ) उत्तर– प्रबन्ध के मुख्य पाँच कार्य हैं जो निम्नलिखित हैं ।
(i) नियोजन — इसका अभिप्राय कुछ करने से पहले सोच – विचार करने से हैं ।
(ii) संगठन — इसका अभिप्राय सामूहिक उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु विभिन्न अंगों में मैत्रीपूर्ण समायोजन करने से हैं।
(iii) नियुक्तिकरण — इसका अभिप्राय पदों को लोगों से भरना और उनको परे रहने देने से हैं।
(iv) निर्देशन- इसका अभिप्राय संगठन में मानव संसाधन को निर्देश देना , मार्ग – दर्शन करना , सन्देशवाहन करना व उसे अभिप्रेरित करने से हैं ।
(v) नियंत्रण- इसका अभिप्राय वास्तविक परिणामों को इच्छित परिणामों के समीप लाने से हैं।
18 . समन्यय की परिभाषा दीजिए । ( Define Co – ordination . )
उत्तर- बिखरे हुए तंत्रों को किसी नियत उद्देश्य से श्रृंखलाबद्ध करना एवं एक सूत्र में पिरोना तथा निर्धारित लक्ष्य पूर्ति हेतु की जानेवाली विभिन्न क्रियाओं में एकता अथवा तालमेल बनाये रखना ही समन्वय कहलाता है ।
19 . प्रबन्ध समाज के विकास में सहायक हैं , कैसे ? ( ” Management helps in development of society . ” How ? )
उत्तर- प्रबन्ध श्रेष्ठ गुणवत्ता वाली वस्तुओं एवं सेवाओं को उपलब्ध कराकर , रोजगार के अवसरों का सजन करके , लोगों के हितों में उन्नत तकनीकों को अपनाकर समाज के विकास में सहायक होता है ।
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